राजनैतिक दबाव व लक्ष्मी के सानिध्य में आस्था ने तोड दिया दम
कालोनाईजर ने दिन के उजाले में आस्था का पेड कर दिया धराशाही
बदनावर। वार्ड क्रं 15 जेल रोड पर कालोनाईजर ने दिन के उजाले में पीपल का पेड धराशाही कर दिया गया। वर्षो पुराना पेड काटने पर हुआ बवाल ने राजनैतिक दबाव व लक्ष्मी के सानिध्य में दम तोड दिया। शोषल मीडिया पर इस मुद्दे पर बहस भी अवश्य चली किंतु सेटिंग के चलते जारी पोस्ट डिलीट हो गयी। तहसील मुख्यालय पर वर्षो पुराना पेड काटने के बावजूद प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी। तथा जिम्मेदारों ने भी राजनीती के दबाव में मौन साध लिया।
जेल रोड पर श्रृद्वालू महिलाओं द्वारा सडक के किनारे कई वर्षो से पीपल के पेड की पूजा अर्चना की जाती थी। मुख्य मार्ग से लगी एक कालोनी संचालक द्वारा सडक किनारे विकसीत पीपल के पेड को कुछ ही घंटे में धराशाही कर दिया गया। पेड काटने की खबर शोशल मीडिया पर खुब चली। मामला उलझने की संभावना पर कालोनाइजर ने पेड काटने के खिलाफ आवाज उठाने वाले से सेटिंग कर मामला ठंडा कर दिया गया। फिलहाल पेड को जमींदोज कर कालोनी को फ्रंट पर लाने का उदेश्य सफल हो गया है।
पेड काटने की घटना पर कई सवाल खडे हो गए-
सभी राजनैतिक संगठन पेड कटने पर मौन क्यों?
वर्षो पुराना पेड काटने पर प्रशासन के कानों तक सूचना नहीं पहुॅची?
यह पेड हिंदू संस्कृति की धरोहर था, भूमाफियाओं ने चंद घंटों में सांस्कृतिक धरोहर को जमींदोज करने पर समाज के लोग चुप क्यों?
पेड काटना गंभीर अपराध की श्रेणी में होने के बावजूद कालोनाइर्जर के विरुध कार्यवाही नहीं की गई। क्यों?
ऐसा भी हो सकता है कि चंद खनकते सिक्के की कीमत आस्था के पेड की कीमत से अधिक हो।