संविधान निर्माता आंबेडकर जी के सम्मान में धार में कांग्रेस का सम्मान मार्च-
बड़ी संख्या में कांग्रेसजन आंबेडकर जी के सम्मान में तख्तियां एवं फोटो लेकर हुए सम्मिलित
धार। सबसे पवित्र स्थान संसद में देश के गृह मंत्री अमित शाह के संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर जी को लेकर अनर्गल टिपण्णी करने पर संपूर्ण दुनिया में लोगों और आंबेडकर जी के अनुयायियों को गहरी पीड़ा पहुंची है ! आज संपूर्ण देश सहित विदेशों में भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ नाराजगी है !
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आव्हान पर मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशन में जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा जिलाध्यक्ष कमल किशोर पाटीदार के नेतृत्व में जिलामुख्यालय स्थित आंबेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण कर जिला कलेक्ट्रेट तक सम्मान मार्च निकला गया! कलेक्ट्रेट पहुंचकर महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन प्रेषित कर देश के केंद्रीय मंत्री अमित शाह की संसद सदस्यता समाप्त कर दंडात्मक करवाई के लिए मांग की गई!
मार्च के दौरान अल्पसंख्यक कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष मुजीब कुरेशी, पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालमुकुंद सिंह गौतम, मनावर विधायक डॉ हीरालाल अलावा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरिनारायण सिंह बखतगढ़, मधु हीरोड़कर, धार शहर कांग्रेस अध्यक्ष जसबीर सिंह छाबड़ा, पीथमपुर शहर कांग्रेस अध्यक्ष बंशी वर्मा, वरिष्ठ कार्यकर्ता प्रेम पाटीदार, ब्लॉक अध्यक्ष दिग्ठान दिनेश वर्मा, कानवन अध्यक्ष आत्माराम जाट, नालछा अध्यक्ष विनोद इंदुरकर, धरमपुरी अध्यक्ष देवेंद्र पाटीदार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रामकृष्ण वर्मा एवं हरिराम पाटीदार,
सुरेश पवार सह प्रभारी, पीथमपुर कार्यवाहक अध्यक्ष परमेश्वर रघुवंशी, सुरेश पटेल नपा अध्यक्ष प्रतिनिधि, युका अध्यक्ष रोहित कामदार, युका अध्यक्ष पीयूष ग्वाल, अल्पसंख्य कांग्रेस जिलाअध्यक्ष डॉ रफीक शेख, पार्षद प्रतिनिधि बंटी डोड, महामंत्री जावेद खान, सरपंच मिथुन कनेल, रफीक खलघाट, मसीत अली, सुखराम मकवाना, रईस खान, शकील खान, धामनोद पार्षद महेंद्र राठौर, पार्षद अंतिम यादव, कैलाश वर्मा, पार्षद चिंटू भाई, मनीष भार्गव, एडवोकेट शाकिर भाई, निसार कुरेशी, आतिफ कुरेशी, संजय मालवीय, परिवहन प्रकोष्ठ अध्यक्ष कैलाश चंद्र शर्मा, शहर युका अध्यक्ष अभिनव बिंजवा, धर्मेंद्र बुंदेला, सुनील चौहान, चेतन खेर, अर्पित बाबा, मोहन डामोर, रईस शेख, हेमराज सुजान, प्रदीप शरण, रूपेश बिजवा, कालू प्रजापत, रवि योगी , मनोज सिह चौहान सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसीजन उपस्थित रहे! जानकारी कांग्रेस जिला मिडिया प्रभारी महेश पाटीदार ने दी
*मनुष्य को जाती ओर धर्म मे बटकर नही रहना चाहिए हम सभी केवल श्री राम की संतान है।
हमे एक होकर रहना चाहिए सभी धर्म अपने अपने स्थान पर पुज्यनीय है*
बदनावर।गाव मे जायसवाल समाज के तत्वावधान मे चल रही सप्त दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के दुसरे दिन कथावाचक परम पुज्य पं.मयंक जी शर्मा ने कहा पुत्र अपने माता -पिता की सेवा कर उनके ऊपर कभी उपकार नही कर सकते माता पिता अपनी संतान पर उपकार करते है।इसलिए पुत्रो को अपने माता-पिता की सेवा करनी चाहिए मनुष्य की सेवा मे मे भी स्वार्थ है बिना स्वार्थ के कोई सेवा भी नही करता है।मनुष्य को कभी भी ज्यादा मोह मायानही बड़ाना चाहिए।मनुष्य को स्वार्थ के वषिभुत होकर सेवा एवं भक्ति नही करनी चाहिए।मनुष्य के पास पैसा,धन दौलत तो बहुत है पर सत्संग नही कराते है ।कई पीडियो का पुन्य होता है तब भागवत कथा का आयोजन कर पाते है। सनातन धर्म के अन्दर सभी को एकत्रीत करने की शक्ती होती है। कथा भागवत ,सत्संग करान से पित्रो को शांति मिलती है।उन्होने राजा परिक्षित की कथा का वर्णन करते हुए कहा की जिस राजा की प्रजा दुखी होती है उस राजा को नर्क मे जाना पड़ता है। जिस स्थान पर जीव हत्या,जुआ,सट्टा, मांस ,मदिरा का ना तो सेवन करना चाहिए एवं ना कभी उस स्थान पर जाना चाहिए।मांस एव जीवो का सेवन कर कई लोगो ने अपने पेट को भी शमशान बना दिया है।
उन्होने आगे कहा की देवताओ,ब्रम्हणो,गुरूओ के चरणो की पुजा करनी चाहिए एवं पुजा करने मे अंगुठे का उपयोग नही करना चाहिए।जिस प्रकार से पितल के लौटे को चमकाने के लिए पितांबरी से मांजना पड़ता है उसी प्रकार से मनुष्य जीवन को चमकाने के लिए सत्संग रुपी पितांबरी से मांजना पड़ता है।मनुष्य को जाती ओर धर्म मे बटकर नही रहना चाहिए हम सभी केवल श्री राम की संतान है। मनुष्य को जाती ओर धर्म मे बटकर नही रहना चाहिए हम सभी केवल श्री राम की संतान है। इसलिए हमे एक होकर रहना चाहिए सभी धर्म अपने अपने स्थान पर पुज्यनीय है ।कमल का फुल,गंगाजल,तुलसी,डाब, द्रोप कभी अपवित्र नही होते है हमेशा पवित्र हते है।उन्होने कहा सागर को एक गागर मे भरकर जो पिला दे वही श्रेष्ट वक्ता है।जीवन मे जीतनी बार कथा सुनने को मिले उतनी बार सुनना चाहिए। बार बार कथा सुनने से हर बार नया आनंद आता है एवं जिवन धन्य हो जाता है। पं.मयंक शर्मा ने वराह अवतार ,कपिल अवतार एवं शिव पार्वती विवाह का वर्णन सुनाया एवं भगवान शिव ने पार्वती को सुनाई अमर कथा का वृतांत सुनाया। भगवान के 24 अवतारों के बारे मे बताया। उन्होंने कहा कि भगवान का जब शुभ कार्य करते हैं तब उसमें विघ्न जरूर आता है यदि कोई धर्म का कार्य करते हैं तो कोई रोक दें वो विघ्न होता है और यह केवल मनुष्य ही नहीं देवता भी धर्म का कार्य करते हैं तो दैत्य विघ्न पैदा करते हैं इन विघ्नों को दूर करने के लिए मंगलाचरण किया जाता है धर्म का कभी अंत नहीं होता है वेद पुराण और कुरान भी कहते हैं कि सत्य से बड़ा कोई दूसरा धर्म नहीं है। उक्त विचार कथावाचक पं. मयंक शर्मा के द्वारा कहे गए ।भागवत कथा एक अमृत पान है जो एक बार पी लेता है उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती हैं। जिसे कानों से सुना जाता है पिया नहीं जाता है और जो कानों से सुन कर अपने शरीर में उतार लेता है उसे पीना कहते हैं जो भगवान का गुणगान नहीं करता है वह जीव मेंढक के समान होता है जिस शरीर के अंदर भक्ति भाव नहीं है वह शरीर शव के समान होता है।कथा के दौरान तबला वादन दिपक चौहान, आर्गन वादन योगेश चौहान एवं पेड वादन कमलेश चौहान द्वारा संगीत सेवा दी जा रही है।श्री मद्भागवत महापुराण में मुख्य यजमान सपत्नीक गणेश जायसवाल द्वारा महाआरती एवं महाप्रसादी का लाभ लिया गया।आयोजन मे आस पास के क्षेत्र के सैकड़ों श्रद्धालु कथा का रसपान कर धर्म लाभ ले रहे हैं।इस अवसर पर कथा पांडाल मे रामायण मडल चिराखान द्वारा भव्य सुन्दरकाण्ड का आयोजन किया गया। जिसमे “चौसठ जोगनी रे भवान मंदिरीये रम जाये”।
“बांस की बासुरिया पे घणो इतरावे”।” एक राधा एक मीरा दोनो मे अंतर क्या एक प्रेम दीवानी एक नाम दिवानी “
“किशोरी कुछ एसा इन्तजाम हो जाए कि लब पे राधा राधा नाम आए”
“जीना बस मे नही मरना बस मे नही तु बुला बुला बुला ले रे”
“ऐसी दम लगवा देना पीकर सिधा स्वर्ग में पहुँचु” , “श्याम श्याम कहते जाओ”, मस्ती भरी रात है-मेरा बाबा श्याम मेरे साथ हैं”, जैसी अनेक मनमोहक भजनो की धुन पर सुन्दरकाण्ड पाठ किया गया।इस अवसर पर बड़ी संख्या मे ग्रामीण जन उपस्थित थे। जानकारी खेमचन्द जायसवाल ने दी