फर्जी तरीके से भूमि खरीदने का
मकान को बंधक बनाने के नाम पर धोखाधडी कर कृषि भूमि की रजिस्ट्री करवा ली गई
क्रेता धार के चिकल्या का विक्रेता बिडवाल का रहने वाला
बदनावर न्यूज़/ चीफ एडिटर
बदनावर तहसील के ग्राम कुमेडी के पिता पृत्र कोे मकान पर लोन देनेे के नाम पर मकान को बंधक बनाने के नाम पर धोखाधडी कर कृशि भूमि की रजिस्ट्री करवा ली गई। फर्जी तरीके से भूमि खरीदने का पर्दाफाश नामांतरण कार्यवाही के दौरान मिलने पर किसान द्वारा नायब तहसीलदार के न्यायालय में आगे की कार्यवाही पर रोक हेतु आपत्ति दर्ज करायी गई है। मामला धोखे में रखकर फर्जी तरीके से भूमि खरीदने का प्रतीत होता है।
मुन्नालाल पिता नंदराम लक्कड निवासी बिडवाल ने बताया कि उसके नाम से ग्राम कुमेडी में कृषि भूमि स्थित है। जिसका सर्वे क्रं 35/2/1 रकबा 1,315 कृृशि भूमि होकर स्वयं केे नाम से दर्ज है। दिनांक 4 सितंबरर 2024 कृष्णा ओमप्रकाश पंवार नि चिकल्या तह व जिला धार ने मुझे धार बुलाया गया। और बताया कि तुम्हारा 7 लाख रु का ऋण स्वीकृत किया गया है। जिसमें से ऋण राशि 4 लाख रु आपके खाते में डाल दी गई है। व शेष राशी मकान बंधक होने के बाद आपके खाते में जमा कर दी जावेगी। मुन्नालाल को यह बताया गया कि आपकी रजिस्टी बंधक करना पडेगी। इसलिए पार्थी को उपपंजीयक कार्यालय धार पर बुलवा कर मेरी जानकारी के मेरी कृषि भूमि का बिना विक्रय प्रतिफल के फर्जी तरीके से कृष्णा ओमप्रकाश पंवार निवासी चिकल्या धार के नाम से रजिस्टी करवा ली गई।
नायब तहसीलदार न्यायालय में आपत्ति दर्ज करायी-
मुन्नालाल लक्कड ने न्यायालय तहसीलदार टप्पा तहसील कानवन में आपत्ति दर्ज कर बताया कि मेरी भूमि कुमेडी में उक्त सर्वे कं की स्थित है। यह भूमि आज तक मैने किसी भी व्यक्ति को नहीं बेची है। न ही बिक्री कर किसी प्रकार का प्रतिफल प्र्राप्त किया है। न ही भूमि पर अन्य किसी का कब्जा है! मेरी भूमि को बिक्री करनेे को लेकर गांव मे चर्चा चलने पर ज्ञात हुुआ कि मेरी भूमि के संबंध में किसी ने नामांतरण हेतु आवेदन किया गया है। उक्त नामांतरण मेरी सुनवाई किए बगैर नहीं किया जावे।
यह है मामला-
कृषि भूमि ग्राम कुमेडी प ह नं 51 तह बदनावर केता कृष्णा पिता ओमप्रकाश पंवार नि चिकल्या तह धार एवं विक्रेता मुन्नालाल पिता नंदराम लक्कड व महादेेव मुन्नालाल लक्कड नि अंबिकानगर बिडवाल द्वारा भूमि का विक्रय पत्र रु 50 लाख 4890 में विक्रय कर उपपंजीयक कार्यालय धार मे बिक्री पत्र पंजीयन किया गया।
हालांकि पंजीयन प्रक्रिया वैेधानिक तरीके से की गई है। परंतु विक्रेता को धोेखे में रखकर भूमि बंधक बनाने के नाम पर धोखाधडी कर बिक्री पत्र पर हस्ताक्षर करवाने का मामला सामने आया है। अब देेखना है कि धोेखबाज लोग अपनी चाल में कामयाब होते है या किसान अपनी भूमि बचानेे में सफल होता है। यह फैसला तो न्यायालय में होगा।